Anuradha Paudwal Durga Aarti
जय अंबे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय आनंद करनी
तुमको निसदिन ध्यावत, मैय्या जी को राज मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी,
जय अंबे गौरी……
जय अंबे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय आनंद करनी
तुमको निसदिन ध्यावत, मैय्या जी को राज मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी,
जय अंबे गौरी……
माँग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को, मैया टीको मृगमद को
उज्जवल से दौ नैना, निर्मल से दौ नैना, चंद्र बदननी को
जय अंबे गौरी……
कनक समान कलेवर, रक्तांबर राजे, मैय्या रक्तांबर राजे
रखत पुष्प गाल माला, लाल पुष्प गाल माला कंतन पर साजे
जय अंबे गौरी….
केहरी वाहन राजत, खडग खप्पर धारी, मैया खडग खप्पर धारी,
सुर नर मुनि-जन सेवत, सुर नर मुनि-जन सेवत सुर नर मुनि-जन सेवत तिनके दुख हारी,
जय अंबे गौरी….
कानन कुंडल सोभित, नासगरे मोती, मैया नासगरे मोती
कोटिक चंद्रा दिवाकर, कोटिक चंद्रा प्रभाकर, राजत सम ज्योति
जय अंबे गौरी….
शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिसासुर घाती, मैया महिससुर घाटी,
धूम्रा विलोचन नैना, मधुर विलोचन नैना, निषिदीन मदमाती,
जय अंबे गौरी….
चौसत योगिनी गावत, नृत्य करत भैरू मैया नृत्य करत भैरू
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा, और बाजत डमरू
जय अंबे गौरी….
भुजा चार अति सोभित, खडग खप्पर धारी, मैया खडग खप्पर धारी,
मनवांछित फल पावत, मन इच्छा फल पावत, सेवत नर नारी,
जय अंबे गौरी ….
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती, मैया अगर कपूर बाती,
श्रीमालकेतु में विराजत, नगकोट में विराजत, कोटि रतन ज्योति,
जय अंबे गौरी….
यह अंबे जी की आरती, जो कोई नर गावे, मैया जो कोई नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, भजत हरिहर स्वामी, सुख-संपत्ति पावे,
जय अंबे गौरी….
जय अंबे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय आनंद करनी
तुमको निसदिन ध्यावत, मैय्या जी को राज मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी,
जय अंबे गौरी……
जय अंबे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय आनंद करनी
तुमको निसदिन ध्यावत, मैय्या जी को राज मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी,
जय अंबे गौरी……
Anuradha Paudwal Durga Aarti
जय अंबे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय आनंद करनी
तुमको निसदिन ध्यावत, मैय्या जी को राज मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी,
जय अंबे गौरी……
Anuradha Paudwal Durga Aarti
Anuradha Paudwal Durga Aarti
जय अंबे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय आनंद करनी
तुमको निसदिन ध्यावत, मैय्या जी को राज मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी,
जय अंबे गौरी……
माँग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को, मैया टीको मृगमद को
उज्जवल से दौ नैना, निर्मल से दौ नैना, चंद्र बदननी को
जय अंबे गौरी……
कनक समान कलेवर, रक्तांबर राजे, मैय्या रक्तांबर राजे
रखत पुष्प गाल माला, लाल पुष्प गाल माला कंतन पर साजे
जय अंबे गौरी….
केहरी वाहन राजत, खडग खप्पर धारी, मैया खडग खप्पर धारी,
सुर नर मुनि-जन सेवत, सुर नर मुनि-जन सेवत सुर नर मुनि-जन सेवत तिनके दुख हारी,
जय अंबे गौरी….
कानन कुंडल सोभित, नासगरे मोती, मैया नासगरे मोती
कोटिक चंद्रा दिवाकर, कोटिक चंद्रा प्रभाकर, राजत सम ज्योति
जय अंबे गौरी….
शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिसासुर घाती, मैया महिससुर घाटी,
धूम्रा विलोचन नैना, मधुर विलोचन नैना, निषिदीन मदमाती,
जय अंबे गौरी….
चौसत योगिनी गावत, नृत्य करत भैरू मैया नृत्य करत भैरू
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा, और बाजत डमरू
जय अंबे गौरी….
भुजा चार अति सोभित, खडग खप्पर धारी, मैया खडग खप्पर धारी,
मनवांछित फल पावत, मन इच्छा फल पावत, सेवत नर नारी,
जय अंबे गौरी ….
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती, मैया अगर कपूर बाती,
श्रीमालकेतु में विराजत, नगकोट में विराजत, कोटि रतन ज्योति,
जय अंबे गौरी….
यह अंबे जी की आरती, जो कोई नर गावे, मैया जो कोई नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, भजत हरिहर स्वामी, सुख-संपत्ति पावे,
जय अंबे गौरी….
जय अंबे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय आनंद करनी
तुमको निसदिन ध्यावत, मैय्या जी को राज मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी,
जय अंबे गौरी……
जय अंबे गौरी, मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय आनंद करनी
तुमको निसदिन ध्यावत, मैय्या जी को राज मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी,
जय अंबे गौरी……
Anuradha Paudwal Durga Aarti
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